शिमला-20 अप्रैल. जो सपना दादा ने देखा था उस सपने को आज पोते ने पूरा कर दिखाया है। यह कारनामा सोहच गांव के सुमित वर्मा ने पूरा कर दिखाया है। सुमित वर्मा ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित देश की सबसे कठिन इंजीनियरिंग परीक्षा JEE मेंस को उतीर्ण कर अपने दादा के सपने को पूरा किया है। सुमित वर्मा ने अपने पहले प्रयास में ही देश की सबसे कठिन परीक्षा JEE मेंस को उतीर्ण कर अपने परिवार व गांव का नाम रोशन किया है। सुमित वर्मा ने 96.78 फ़ीसदी अंक लेकर इस परीक्षा को उतीर्ण किया है।
बता दें कि सुमित वर्मा निरमंड अरसू के शोहच गांव के रहने वाले हैं जो मौजूदा समय मे शिमला स्थित एस्पायर एकेडमी से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं सुमित वर्मा ने रामपुर DAV स्कूल से जमा दो की परीक्षा उतीर्ण की है। अब JEE मेंस परीक्षा को उतीर्ण कर उन्होंने अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है सुमित वर्मा के इस प्रयास से उनके परिजनों में खुशी की लहर है। सुमित वर्मा इसका श्रेय अपने माता- पिता, दादा- दादी व चाचा-ताया को दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और माता पिता के आशीर्वाद से उन्हें कठिन परीक्षा को उतीर्ण करने की प्रेरणा मिली है।
बता दें कि दादा गोविंद वर्मा ने 1970 में ही प्री इंजीनियरिंग परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण वे सपने को पूरा नहीं कर सके, लेकिन उनके दो इंजीनियर बेटे इंजीनियर रमेश वर्मा, इंजीनियर ओम वर्मा (एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ग्रेटर नोएडा में जीएम) और दो डॉक्टर डॉ घनश्याम वर्मा आरके मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में एमडी कम्युनिटी मेडिसिन, डॉ योगराज वर्मा डीडीयू शिमला में प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ ने यह कर दिखाया। अब दो पोतों ने सपने देखने और उसे पूरा करने का साहस किया था। जैसा कि इंजीनियर कपिल वर्मा का 4 साल पहले ही एनआईआईटी हमीरपुर में सिविल इंजीनियरिंग में चयन हो चुका है और अब उनके छोटे भाई सुमित वर्मा ने धमाल मचा दिया है। निरमंड ब्लॉक में ही नहीं बल्कि पूरे हिमाचल में सभी युवा पीढ़ी के लिए महान प्रेरणा है।