शिमला-15सितंबर. हिमाचल में इस बार मानसून जमकर बरसा है। सूबे में मानसून इस बार सामान्य से 43 फीसदी ज्यादा बरसा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार मानसून सीजन 1 जून से 14 सितंबर तक हिमाचल में सामान्यतः 686.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज होती है, जबकि इस बार 983.4 मिलीमीटर पानी बरस चुका है। यानी सामान्य से 43 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। मानसून से कुल्लू जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है, जहां 108% अधिक बारिश, शिमला में 104% अधिक, मंडी में 76%, बिलासपुर में 72%, सोलन में 71% और ऊना में 66% अतिरिक्त बारिश दर्ज हुई। लेकिन अब इस मानसूनी बारिश से प्रदेशवासियों को राहत मिलने वाली है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार ठीक एक सप्ताह बाद यानी 22 सितंबर से मानसून विदा हो रहा है। लेकिन इस बीच मौसम विभाग ने पहले 18 सितंबर तक मानसून कमजोर पड़ने का अनुमान जताया था, लेकिन सोमवार सुबह 9 बजे जारी ताजा बुलेटिन में बड़ा अपडेट आया। विभाग ने कांगड़ा, मंडी, ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों में दोपहर 12 बजे तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कई जगहों पर फ्लैश फ्लड, जलभराव और लैंडस्लाइड का खतरा है। वहीं शिमला, सोलन, कुल्लू, चंबा और सिरमौर में हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है।
याद रहे कि इस भारी बारिश ने हिमाचल में भारी तबाही मचाई है। अब तक 404 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 76 लोग बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड की चपेट में आए। इस सीजन में लैंडस्लाइड की 140 घटनाएं, बाढ़ की 97 घटनाएं और बादल फटने की 46 घटनाएं दर्ज की गईं। सड़क नेटवर्क पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। वर्तमान में 3 नेशनल हाईवे समेत 565 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत सड़कें 15 दिनों से अधिक समय से ठप पड़ी हैं। यही नहीं, इस मानसून सीजन में 13 मोटरेबल पुल भी बह गए। इससे सेब और दूसरी फसलों की ढुलाई पर बुरा असर पड़ा है और लोगों की आवाजाही भी बाधित हुई है।



