शिमला-08 नवंबर.पुलिस विभाग के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाया गया नाश्ता उनके स्टाफ को परोसे जाने पर बवाल मच गया है। मामला चर्चा में तब आया जब सीआईडी के बड़े अधिकारी से इसकी इन्क्वायरी तक कराई गई। और उस जांच रिपोर्ट में कहा गया कि यह गलती सरकार विरोधी व डीआईडी विरोधी कृत्य है। हालांकि, अभी किसी पर कार्रवाई नहीं की गई है।
बता दें कि बीते 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुक्खू शिमला स्थित सीआईडी मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। उस दिन सीएम सुक्खू के लिए लाए गए समोसे और केक उनके स्टाफ को परोस दिए गए। ऐसे में सुक्खू और कार्यक्रम में मौजूद VVIP मेहमानों को रिफ्रेशमेंट नहीं मिल सकी। जिसके बाद अफसरशाही में यह मामला खूब सुर्खियों में है।
सीआईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, शिमला के लक्कड़ बाजार स्थित होटल एक बड़े होटल से मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए समोसे और केक के 3 डिब्बे लाए गए। उस वक्त IG रैंक के एक अधिकारी ने पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर (SI) से CM के लिए होटल से कुछ खाने का सामान लाने को कहा था। सब इंपेक्टर ने आगे अतिरिक्त सब इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल को भेज दिया SI ने बदले में एक सहायक एसआई (ASI) और एक हेड कांस्टेबल को जलपान का सामान लाने को कहा। इसके बाद ASI और हेड कॉन्स्टेबल होटल रेडिसन पहुंचे और वहां से 3 सीलबंद बक्सों में जलपान का सामान ले आए। CID मुख्यालय लौटकर इसकी सूचना SI को दी गई।
सब इंसपेक्टर ने होटल से नाश्ता आने के बाद इसे महिला इंस्पेक्टर को दे दिया। महिला इंस्पेक्टर ने यह सामान मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट (MT) को भेज दिया। इंस्पेक्टर महिला ने इसकी जानकारी किसी भी उच्च अधिकारी को नहीं दी। सीएम सुक्खू के आने के बाद सारा सामान SI की मौजूदगी में बांट दिया गया। इस दौरान कई लोगों के हाथ में यह नाश्ता गया, लेकिन किसी ने इसे सीएम सुक्खू के लिए लाए जाने को लेकर ध्यान नहीं दिया।
पुलिस अधिकारियों ने अपने बयान में कहा कि जब उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पर्यटन निगम के कर्मचारियों से पूछा कि क्या 3 बक्सों में नाश्ता मुख्यमंत्री को परोसा जाना है, तो उन्होंने कहा कि वे मेन्यू में शामिल नहीं हैं।
जांच रिपोर्ट में कहा गया कि मुख्यमंत्री के लिए लाए गए नाश्ते की जानकारी SI को थी। इस जांच में खास बात यह है कि CID विभाग के अधिकारी ने अपनी टिप्पणी में लिखा कि जांच रिपोर्ट में नामित सभी व्यक्तियों ने CID विरोधी और सरकार विरोधी तरीके से काम किया है, जिसके कारण VVIP को ये चीजें नहीं दी जा सकीं। फिलहाल मामले में किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है लेकिन प्रदेश भर में यह चर्चा का विषय बन गया है।।