शिमला-06 अप्रैल. राजधानी शिमला में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामले में साइबर ठगों ने बैंक में फोन करके खुद को सचिवालय का कर्मचारी बताकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बैंक खाते आठ लाख रुपये निकालने की कोशिश की गई। लेकिन बैंक प्रबंधन की सतर्कता और सूझबूझ से साइबर ठगों के मंसूबों को नाकाम कर दिया गया। मामला शहर की यूको बैंक शाखा का बताया जा रहा है और प्रबंधक की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्जकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में यूको बैंक की विधानसभा शाखा की प्रबंधक प्रिया छाबड़ा ने अपनी शिकायत में बताया कि बैंक में एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को सचिवालय का कर्मचारी बताते हुए मंत्री विक्रमादित्य सिंह के खाते की जानकारी मांगी। साथ ही एक जरूरी कार्य का हवाला देते हुए खाते से 7.85 लाख रुपये आरटीजीएस से ट्रांसफर करने की बात भी कही। इससे शाखा प्रबंधक को कॉल पर शक हुआ। उन्होंने तत्परता दिखाते हुए मंत्री के निजी सचिव से संपर्क किया तो पता चला कि इस तरह की कोई भी कॉल सचिवालय से नहीं की गई है। इसके बाद बैंक प्रबंधन ने ट्रांजेक्शन पर रोक लगाई और मामले की जानकारी बालूगंज पुलिस स्टेशन को दी।
पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 (2) और 62 बीएनएस के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस अब कॉल डिटेल्स के माध्यम से आरोपी की पहचान करने का प्रयास कर रही है। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल सुरक्षा को लेकर लोगों में और जागरुक होने की जरूरत है। साथ ही सोशल मीडिया, फोन कॉल के माध्यम से आने वाले किसी भी प्रकार के प्रलोभन और अन्य प्रकार के झांसे में न आए। लोगों को बैंकों के नाम पर कॉल करके भी ठगा जा रहा है। इसमें लोगों को बैंक खाते बंद होने के नाम पर डराया जाता है और फिर उन्हें लिंक भेजकर उनका फोन हैक कर दिया जाता है। इसके बाद उनके बैंक खाते से पूरी रकम निकल जाती है।