शिमला-06 मार्च. HRTC चालक और परिचालक संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की पूरी तैयारी कर दी है। संघ ने 9 मार्च से 12 मार्च आधी रात तक चक्का जाम करने की रणनीति बनाई है। इस दौरान हिमाचल समेत राज्य से बाहर चंडीगढ़, दिल्ली, हरिद्वार और दूसरे रूट पर गई सभी बस सेवाएं प्रभावित होंगी। HRTC दोनों यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि हड़ताल रविवार रात से बुधवार रात तक हड़ताल रहेगी। इससे जो भी परेशानी आम जनता को होगी उसमें पूरी तरह से परिहवन निगम प्रबंधन और सरकार जवाबदेह होगी।
चालक संघ के प्रधान मानसिंह ठाकुर और कंडक्टर यूनियन के प्रांतीय प्रधान प्रीत महेंद्र ने आह्वान किया है कि 9 मार्च रात 12 बजे के बाद की किसी भी बस की ऑनलाइन या एडवांस में टिकट बुक न करें। HRTC का चालक परिचालक अब इस हड़ताल को करने के लिए मजबूर हो गया है और निगम प्रबंधन को बेचना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नौ मार्च रात 12 बजे के बाद ऑनलाइन भरा एडवांस बुकिंग बंद कर दें अन्यथा आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और इसकी सारी जि़म्मेवारी निगम प्रबंधन और हिमाचल सरकार की होगी। इससे पहले दोनों यूनियनों ने एक संयुक्त मीटिंग का आयोजन किया। इसमें परिचालकों की वेतन विसंगति, 65 महीनों का रात्रि और अतिरिक्त समय भत्ता समेत 50 हज़ार रुपए एरियर की पहली किस्त ड्राइवर की सीनियर ड्राइवर पदोन्नति पर फैसले न होने को लेकर चिंता जताई गई है। जबकि हिमाचल सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की स्वर्णजयंती समारोह 12 नवंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बाबत मंच से घोषणा की थी। इसमें 50 करोड़ रुपए रात्रि और अतिरिक्त समय भत्ता सहित 9 करोड़ रुपए मेडिकल बिल के दिसंबर तक देने की बात कही थी। इसके बाद पहली जनवरी को एचआरटीसी संगठनों का एक शिष्टमंडल दोबारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से उनके आवास ओक ओवर में मिला था।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने 15 करोड़ रुपए रात्रि और अतिरिक्त समय भत्ते को देने की बात को फिर स्वीकारा था। सरकार ने उसे 20 फरवरी तक भी नहीं दिया। इससे साफ हो गया है कि सरकार बार-बार झूठ बोलकर अपने हर वादों से मुकर रही है । अब तो सभी कर्मचारियों का मनोबल गिर चुका है हर वर्ग के कर्मचारियों का विश्वास प्रबंधन और सरकार से उठ चुका है। इससे कर्मचारी कर्ज ले लेकर कंगाल वाली स्थिति में पहुंच चुका है। कंडक्टर यूनियन हिमाचल प्रदेश और ड्राइवर युनियन हिमाचल प्रदेश ने प्रबंधन सहित सरकार 20 फरवरी से 6 मार्च तक 15 दिन का समय वित्तीय देनदारियों को देने के लिए दिया था जो अब खत्म हो गया है।