मंडी-24 फरवरी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आइआइटी मंडी से रक्षा के क्षेत्र में एआई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए नए अनुसंधान करने का आहवान किया है। IIT मंडी के 16वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि IIT मंडी डीआरडीओ के साथ मिलकर रक्षा के क्षेत्र में पहले से कार्य कर रहा है,लेकिन हमें आइआइटी मंडी से और भी उम्मीदें हैं क्योंकि ये दिल मांगे मोर। राजनाथ सिंह ने कहा कि एआई तकनीक से रक्षा क्षेत्र के लिए नए कार्य करने की जरूरत है ताकि डिफेंस सेक्टर को और ज्यादा मजबूत किया जा सके।
राजनाथ सिंह ने कहा कि एक समय ऐसा था जब रक्षा संबंधी 70 प्रतिशत सामग्री को बाहर से खरीदकर लाना पड़ता था लेकिन आज समय यह है कि 70 प्रतिशत रक्षा सामग्री देश में ही तैयार हो रही है।यह हमारे के लिए गर्व की बात है कि अब देश की रक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री यहीं के लोगों के हाथों से बन रही है।उन्होंने बताया कि अब देश से रक्षा सामग्री का निर्यात भी शुरू कर दिया गया है। 2023-24 में 23 हजार करोड़ की सामग्री का निर्यात किया गया था जबकि 2029 तक इस लक्ष्य को बढ़ाकर 50 हजार करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राजनाथ सिंह ने आइआइटी की नई परिभाषा बताते हुए उपस्थित छात्रों से आइआइटी के बाद एक और आइआइटी करने की बात भी कही।राजनाथ सिंह ने कहा कि पढ़ाई के बाद जो आइआइटी होगी वो इनिशिएट,इम्प्रूव और ट्रांस्फॉर्म वाली आइआइटी होगी।जिसके माध्यम से आप देश के विकास में अपना योगदान देंगे।उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आया है।आने वाले दिनों में यही भारत देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आएगा।
राजनाथ सिंह ने उपस्थित छात्रों से कभी भी छोटे मन से कोई काम न करने की अपील की।उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी यही कहते थे कि छोटे मन से कभी कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कभी कोई खड़ा नहीं होता।उन्होंने कहा कि सुपर पॉवर को मानो और आगे बढ़ते रहो।लेकिन कुछ तथाकथित सनातन विरोधी सुपर पॉवर को भी झूठला देते हैं।उन्हें इसका प्रमाण चाहिए होता है।लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम ही इंसान को जीवित रखने वाली सांस होती तो है लेकिन वो दिखाई नहीं देती।