शिमला-17 फरवरी. हिमाचल प्रदेश उपायुक्त कर्मचारी संघ ने प्रदेश सरकार से नायब तहसीलदार का 20 फ़ीसदी पदोन्नति कोटा बरकरार रखने की मांग की है। पदोन्नति कोटे को लेकर प्रदेश उपायुक्त कर्मचारी संघ ने सीएम सुक्खू को पत्र लिखा है। कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष लोकिन्द्र चौहान ने सरकार से मांग की है कि नायब तहसीलदार के 20% पदोन्नति कोटे में कोई परिवर्तन न किया जाए। संघ ने कहा कि भूमि अभिलेख एवं बंदोबस्त कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए निर्धारित 20% कोटा समाप्त करके उनके नायब-तहसीलदार कोटे को 60% से बढ़ाकर 80% करने की मांग की गई है। यह कोटा 1973 से उपर्युक्त कार्यालयों के मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए आरक्षित है तथा इसमें कोई भी परिवर्तन मंत्रालयिक कर्मचारियों को किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। कानूनगो/पटवारी संघ लंबे समय से विभिन्न प्रकार के असंवैधानिक हथकंडे अपनाकर इस मंत्रालयिक कोटे को हड़पने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वे इसे हड़पने में सफल नहीं हो पाए। हाल ही में कानूनगो/पटवारी संघ ने एक बार फिर राज्य कैडर की आड़ में शरारती हथकंडे अपनाते हुए सरकार के समक्ष यह अनुचित और अनुचित मांग उठाई है। वे आम जनता की सेवाओं को बाधित करके अपनी उक्त मांग को पूरा करने के लिए सरकार पर कड़ा दबाव भी डाल रहे हैं। यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि पटवारी-कानूनगो कैडर को पहले से ही इन पदोन्नतियों के लिए पर्याप्त कोटा प्राप्त है। राज्य कैडर की स्थिति की आड़ में अतिरिक्त लाभ के लिए उनकी मांग न केवल अनुचित और अनैतिक है, बल्कि अत्यधिक आपत्तिजनक भी है संघ ने इस मांग की कड़ी निंदा की है। यदि सरकार इस फैसले को अमलीजामा पहनाते हैं तो प्रदेश के 6 हजार कर्मचारी पदोन्नति के रास्ते से प्रभावित होंगे।
संघ ने कहा कि 12 जुलाई 2024 को आयोजित कैबिनेट बैठक में राजस्व विभाग में पटवारी, कानूनगो के जिला कैडर को राज्य कैडर घोषित करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन इस संबंध में आज तक अधिसूचना जारी नहीं की गई है, जबकि ड्राइवरों, चपरासी, अन्य सभी श्रेणी- IV के जिला कैडर पदों के राज्य कैडर के साथ-साथ मंडलायुक्त शिमला/मंडी/कांगड़ा मंडल, बंदोबस्त कार्यालय कांगड़ा/शिमला, निदेशक भू-अभिलेख शिमला, राजस्व प्रशिक्षण संस्थान जोगिंद्रनगर, मंडी और निदेशालय चकबंदी, शिमला के सभी मंत्रालयिक कर्मचारियों यानी श्रेणी- III और IV के डिवीजन/स्टेशन कैडर के राज्य कैडर को भी राजस्व विभाग द्वारा 24/01/2025 को आयोजित सीएमएम बैठक द्वारा लिए गए निर्णय के संदर्भ में अधिसूचित किया गया है। संघ ने कहा कि यदि सरकार कानूनगो/पटवार संघ की इस अनुचित मांग को स्वीकार करती है, तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।