शिमला-30 जनवरी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से नए कोटे के तहत मिलने वाले IAS और IPS अधिकारियों को लेने से मना कर दिया है. दरअसल केंद्र सरकार का कार्मिक विभाग हर वर्ष प्रदेशों से उनकी आवश्यकता के अनुसार IAS और IPS अधिकारियों की संख्या को पूछता है. इस मांग के आधार पर प्रदेश को आइएएस (IAS) और आइपीएस (IPS) अधिकारी दिए जाते हैं. इस बार भी ऐसी फाइल चली थी जिसे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निरस्त कर दिया है.
बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी ऐसी पहल की थी. लेकिन अफसरशाही के दबाव एवं तत्कालीन हालात के चलते उनको अपने इस फैसले को पलटना पड़ा था. इसके विपरीत मौजूदा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐसे किसी दबाव की परवाह किए बिना यह बड़ा निर्णय लिया है, जो अफसरशाही को अखर रहा है. राज्य पर इस समय 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण हो चुका है. इस कारण सरकार नए वित्तीय संसाधनों को जुटाने के साथ खर्चों में कटौती करना चाहती है.सरकार का मत है कि यदि ऊपरी स्तर पर अधिकारियों की फौज को कम किया जाए तो इससे खर्चों में कटौती की जा सकती है. यानी अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा पर होने वाले अतिरिक्त खर्च से बचा जा सकता है. यानी जिस काम को करने की हिम्मत पूर्व की सरकारें नहीं जुटा पाई, उस निर्णय को लेने की हिम्मत मुख्यमंत्री ने दिखाई है.