शिमला-22 अप्रैल. जिला किन्नौर के कामरू गाँव से सम्बन्ध रखने वाले 23 वर्षीय प्रथम याम्बुर ने अपने दूसरे प्रयास में भारतीय प्रशाशनिक सेवा (आई. ए. एस.) उतीर्ण करके जिला किन्नौर और हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है. प्रथम के पिता व्यास सुन्दर किसान व बागवान हैं और माता राजदेवी एक आंगनबाडी कार्यकर्ता हैं. प्रथम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिवालिक पब्लिक स्कूल सांगला से पास करते हुए 10+2 नॉन -मेडिकल जवाहर नवोदय विद्यालय रिकॉन्ग पियो से उतीर्ण की. उसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक की पढ़ाई प्रथम श्रेणी में पास किया. स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रथम ने विभिन्न प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की त्यारी शुरू की और. सन 2024 में प्रथम ने यू. पी. एस. सी. द्वारा आयोजित परिक्षा उतीर्ण की और बतौर सी. आई. एस. एफ. कमांडेंट इनका चयन हुआ. प्रथम का लक्ष्य भारतीय प्रशाशनिक अधिकारी बनना था, इसलिए इन्होने कमांडेंट के पद पर ज्वाइन नहीं किया. यू. पी एस. सी. द्वारा सितम्बर 2024 में आयोजित की गयी परिक्षा में देशभर में 841वाँ रैंक हासिल करते हुए आई. ए. एस. की परिक्षा उतीर्ण की. प्रथम एक होनहार विद्यार्थी होने के साथ साथ, खेलकूद और सह-अकादमिक गतिविधियों में सदैव बढ़ चढ़ कर भाग लेते रहे हैं. प्रथम के माता- पिता बेटे की इस शानदार उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे हैं, समस्त ग्रामीणों में ख़ुशी की लहर है. प्रथम ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने पिता श्री व्यास सुन्दर, माता श्रीमति राजदेवी और अपने अध्यापकों को दिया. प्रथम ने हिमाचल प्रदेश के युवाओं को सन्देश देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत व लग्न, निष्ठा तथा समर्पण से लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, युवाओं को नशे की प्रवृति से दूर रहने और लक्ष्य प्राप्ति के लिए दिलोजान से जुट जाने को कहा।