शिमला-28 अगस्त. प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार की ओर से कोई भी नीति बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह जानकारी गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान दी गई।
बिलासपुर जिले के झंडुता के विधायक जीत राम कटवाल ने आउटसोर्स आधार पर की जा रही नियुक्तियों और इन्हें नियमित करने से संबंधित सवाल पूछा था। इस पर सरकार की ओर से दिए गए लिखित जवाब में स्पष्ट किया गया कि फिलहाल आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने के लिए किसी भी तरह की नीति पर विचार नहीं हो रहा है।
सरकार ने जानकारी दी कि पिछले तीन वर्षों के दौरान 31 जुलाई 2025 तक प्रदेश के विभिन्न विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में आउटसोर्स आधार पर कई पद भरे गए हैं। इनमें 49 तकनीकी पद, 61 गैर-तकनीकी पद और अन्य श्रेणियों के 110 पद शामिल हैं।
ये सभी पद मुख्य रूप से एकीकृत विकास परियोजना सोलन, हिमाचल प्रदेश राज्य बीज व जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण अभिकरण शिमला और हिमाचल प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग में भरे गए हैं।
नाचन के विधायक विनोद कुमार के सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में कुल 11,577 मल्टी टास्क वर्कर कार्यरत हैं। इनमें सबसे ज्यादा 6,745 शिक्षा निदेशालय, 4,831 लोक निर्माण विभाग और एक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में कार्यरत है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मल्टी टास्क वर्करों को नियमित करने के लिए कोई एकल नीति अभी तक निर्धारित नहीं की गई है।