शिमला-18 मार्च. बजट सत्र के सातवें दिन यानी मंगलवार को विदेश से आ रहे सेब की नर्सरी में वायरस का मामला गूंजा। कांग्रेस MLA कुलदीप राठौर ने सदन में प्रश्न काल के दौरान यह मामला उठाया और सरकार से विदेश से आ रही नर्सरी की जांच की मांग उठाई। सदन में बागवानी मंत्री द्वारा दिए गए जवाब पर कुलदीप राठौर असंतुष्ट नजर आए और मापदंडों के अनुसार ही प्रदेश नर्सरी की जांच करने का आग्रह किया।
कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि विदेशों से नर्सरी आ रही है को 1 साल तक क्वॉरंटाइन करना जरूरी है लेकिन काफी ज्यादा व्यापारी ऐसे हैं, जो हिमाचल से बाहर है और ऐसे देखने में आ रहा है कि मापदंड पूरे नहीं कर रहे हैं और बगैर क्वॉरंटाइन नर्सरी अवैध रूप से से बहुल क्षेत्र में बेची जा रही है जिससे वायरस का खतरा बढ़ गया है । उन्होंने कहा कि 2023 में कश्मीर में भी स्कैब रोग 40 फीसदी से ज्यादा सब की फसल को नष्ट कर दिया था, ऐसे में बाहर से आने वाले नर्सरी पर नजर रखना जरूरी है। इसको लेकर आज सदन के अंदर मामला उठाया गया लेकिन इसको लेकर बागवानी मंत्री द्वारा स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दिया गया।हालांकि सदन में बागवानी मंत्री ने आश्वासन दिया कि जो क्वॉरंटाइन के नियम है उन्हें मजबूती से सुनिश्चित करेंगे और बाहर से जो नर्सरी आयात होती है। वह मापदंडों के मुताबिक और क्वालिटी हो।
कुलदीप राठौर ने कहा कि जो बाहर से नर्सरी आयत की जा रही है वह काफी महंगी है और हिमाचल के बागवान इसको नहीं ले पा रहे हैं वहीं उन्होंने बागवानी विश्वविद्यालय पर भी सवाल उठाए उन्होंने कहा कि हर साल करोड़ों रुपए बागवानी विश्वविद्यालय पर खर्च किए जा रहे हैं और वहां पर वैज्ञानिक भी हैं लेकिन हैरानी की बात है कि अब तक हिमाचल के जलवायु के मुताबिक यहां पर सेब की नर्सरी तैयार नहीं की जा रही है। जो नर्सरी विदेश से आते हैं वहां जलवायु अलग होती है और वहां की मिट्टी भी अलग है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में यदि शोध नहीं हो पा रहा है तो पैसे क्यों बर्बाद किया जा रहे हैं। आज समय है कि सेब उद्योग को बचाने की कोशिश की जाए क्योंकि सेब पर भारी संकट पैदा हो गया है, पहले ही विदेशों से आयात शुल्क काफी कम कर दिया गया है जिसे हिमाचल के सिर पर संकट गहरा गया है।