शिमला-28 अक्टूबर. अपनी मांगों को लेकर राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज कर दिया है। बिजली बोर्ड के इंजीनियरों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा की अगुवाई में प्रदेश भर में कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन हुए। बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर कर्मचारियों ने मांगों को लेकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी। धर्मशाला के अंतर्गत कार्यरत सभी कर्मचारियों वपेंशनर प्रदर्शन में शामिल हुए। कर्मचारियों की मांग है कि 16 अक्तूबर 2024 को जारी अधिसूचना में समाप्त किए गए इंजीनियरिंग वर्ग के सभी 51 पदों को बहाल किया जाए।
एचपीएसईबीएल की विभिन्न इकाइयों में पिछले 10-12 वर्षों से ड्राइवर के पद पर कार्यरत 81 आउटसोर्स कर्मियों की छंटनी के आदेश वापस लिए जाए, बिजली बोर्ड बिना किसी देरी के पुरानी पेंशन प्रणाली लागू करना, सरकार के बीच निष्पादित एचपीएसईबी स्थानांतरण योजना, 2010 से जुड़े द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों का पालन किया जाए। एचपी सरकार और एचपीएसईबीएल के कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त मोर्चे के परामर्श के बिना किसी भी संपत्ति को अन्य इकाई में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। एचपीएसईबीएल की सेवा समिति द्वारा पहले से ही अनुमोदित टी/मेट के 1030 पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू करना और एचपीएसईबीएल में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती करना। सातवें वेतन आयोग के परिणामस्वरूप कर्मचारियों/पेंशनरों को पेंशन व वेतन का बकाया दिया जाए।