शिमला-26 अक्टूबर. प्रदेश की सुक्खू सरकार ने एक बार फिर जनता से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने दो साल या इससे अधिक समय से सरकारी विभागों या सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में रिक्त चल रहे सभी पद खत्म करने का आदेश जारी किया है। इन पदों की संख्या हजारों में बताई जा रही है। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, राज्यपाल के सचिव, विधानसभा सचिव और राज्य उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को इसे लेकर पत्र भेजा है। पत्र में वर्ष 14 अगस्त, 2012 के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि विभाग इनकी अनुपालना नहीं कर रहे हैं और न ही वित्त विभाग को इससे संबंधित ब्योरा भेज रहे हैं।
प्रधान सचिव वित्त ने स्पष्ट किया है कि इसे प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि दो साल या इससे अधिक समय से खाली चल रहे अस्थायी या नियमित पदों को खत्म माना जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित विभाग एक हफ्ते में इन्हें बजट बुक से भी हटवा दें। इसमें विभागों की ओर से किसी तरह की बहानेबाजी नहीं की जानी चाहिए।इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया गया है कि दो साल या इससे अधिक समय से रिक्त चल रहे पदों को भरने का कोई भी प्रस्ताव वित्त विभाग को न भेजा जाए। इन दिशा-निर्देशों की सख्ती से अनुपालना की जाए। अगर अनुपालना नहीं की गई तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग या संगठन की रहेगी। यह आदेश विभागों के अलावा सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों पर भी लागू होंगे। आदेशों के प्रति सभी बोर्ड, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और प्रबंध निदेशकों के अलावा राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य चयन आयोग, विद्युत नियामक आयोग, सभी उपायुक्तों और सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी भेजी गई है।