शिमला-12 अक्टूबर. शिमला और सिरमौर के आराध्य देव चूड़धार स्थित शिरगुल देवता के मंदिर में शुक्रवार को 12 देवता और करीब 28 हजार लोग शांत महायज्ञ के गवाह बने। कुरुड़ स्थापना के बाद महायज्ञ का समापन हुआ। मंदिर में सुबह 11 बजे से कुरुड़ स्थापना कार्यक्रम आरंभ हुआ। कालाबाग स्थान से कुरुड़ को मंदिर तक सभी देवी-देवताओं की मौजूदगी में पहुंचाया गया। उसके बाद शिरगुल महाराज के जयकारों के साथ हजारों लोगों की मौजूदगी में कुरुड़ को मंदिर के ऊपर स्थापित किया गया।चूड़धार मंदिर में करीब 52 साल बाद इस तरह का बड़ा धार्मिक आयोजन हुआ। हालांकि, मंदिर का जीर्णोद्धार का कार्य पिछले 20-22 वर्षों से किया जा रहा था और अब मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने पर कुरुड़ स्थापना की गई। मंदिर में लकड़ी की अद्भुत नक्काशी की गई है और इस महायज्ञ के लिए मंदिर को गेंदे के पांच क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस अनुष्ठान में शिमला, सोलन व सिरमौर जिले के अलावा उत्तराखंड से करीब 28 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने शिरकत की। सभी ने कार्यक्रम की समाप्ति के बाद भोज किया और अपने गंतव्य को लौटे।