शिमला-08 अक्टूबर. विवादास्पद बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाली बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनके एक बयान पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस भेजा है. अब अपने बयान पर उन्हें अदालत में सफाई देना होगी. कंगना रनौत ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत को 1947 में आजादी संघर्ष नहीं बल्कि भीख में मिली थी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एडवोकेट अमित कुमार साहू ने इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए कंगना रनौत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अमित कुमार साहू ने अपनी याचिका में कहा कि कंगना ने जो बयान दिया है वो बेहद आपत्तिजनक है. भारत की आजादी के लिए लोगों ने बलिदान दिए हैं. भारत की आजादी का लंबा संघर्ष और इतिहास रहा है. ऐसे में कंगना ऐसा कैसे कह सकती हैं कि आजादी भीख में मिली.
अमित कुमार साहू की याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा की कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई. कंगना रनौत को कोर्ट ने रजिस्टर्ड नोटिस जारी किया है. कंगना से जवाब मांगा गया है कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया. अमित कुमार साहू ने कहा कि, कंगना रोल मॉडल हैं उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था. मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी.
भाजपा सांसद ने कहा था कि असली आज़ादी 2014 में मिली जो आजादी 1947 मिली वो भीख थी. उसके बाद कांग्रेस सरकार भी अंग्रेजों की एक्सटेंशन रही. देश को असल आजादी 2014 के बाद मिली. इस बयान को लेकर 2021 में एडवोकेट अमित साहू ने 2021 में अधारताल पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत के बाद एक याचिका दायर की लेकिन उसका कोई समाधान नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने मामले को अदालत में ले जाने का फैसला किया.