शिमला-08 अक्टूबर. शारदीय नवरात्रि का हर दिन नवदुर्गा के किसी ना किसी रूप को समर्पित होता है. इसी क्रम में नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के छठे रूप मां कात्यायनी को समर्पित है. मां कात्यायानी को रोग, शोक और संताप दूर करने वाली देवी माना जाता है. कहा जाता है कि पूरे मनोभाव से मां कात्यायनी का पूजन किया जाए तो जीवन से सभी दुखों का निवारण हो जाता है. यहां जानिए आज 8 अक्टूबर, मंगलवार नवरात्रि के छठे दिन किस तरह मां कात्यायनी की पूजा संपन्न की जा सकती है.
मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए सुबह के समय स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद कलश की पूजा की जाती है और फिर मां कात्यायनी का पूजन किया जाता है. मां कात्यायनी के समक्ष दीप जलाया जाता है. मां को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं और साथ ही माला, सिंदूर, कुमकुर, रोली और अक्षत समेत मिठाइयां, फल और शहद माता के समक्ष रखे जाते हैं. मां कात्यायनी की पूजा में सिक्का रखा जाता है और मां कात्यायनी के मंत्र का जाप किया जाता है. इसके बाद आरती करके और भोग लगाकर पूजा का समापन होता है.
माना जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने पर वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और जिन लोगों के विवाह में अड़चने आ रही हैं उनके विवाह के योग बन जाते हैं.
मां कात्यायनी का मंत्र
”चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी”॥