पालमपुर -03जुलाई. पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार एक ही रात में 17 जगह बादल फटे, 18 लोग मर गये और 34 लोग लापता है। रात के अन्धेरे में अपने घरों में सोये हुए लोग घरों के समेत बहने लगे। हिमाचल के इतिहास में पहली बार ही प्रदेष के एक मंत्री ने केन्द्र सरकार के एक उच्च अधिकारी को प्रदेश के एक एस.डी.एम. और लोगों के सामने पीट दिया। उसे बचाने के लिए जब दूसरा अधिकारी आया तो उसकी भी पिटाई कर दी। इन दोनों समाचारों से प्रदेश के लोग आहत है।
उन्होंने कहा कि भयंकर वर्षा से चारों तरफ असाधारण मुसीबत आ रही है। सरकार पूरी कोशिश कर रही है। भारत सरकार पूरी सहायता कर रही है। प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार का धन्यवाद करने में कंजूसी न किया करें। उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया है कि इस आपदा पर प्रदेश सरकार की ओर अधिक सहायता की जाए।
शांता कुमार ने कहा कि प्रदेश के मंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से केन्द्रीय सरकार के अधिकारी को पीटने की घटना एक अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण और असाधारण है। किसी भी गलती या कमी पर केन्द्र सरकार के अधिकारी को गुस्से से तो कहा जा सकता है, उनकी शिकायत केन्द्रीय मंत्री से की जा सकती है परन्तु इस प्रकार का व्यवहार अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी को इस सम्बंध में कठोर शब्दों का प्रयोग करना पड़ा है। हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में नितिन गडकरी जी का विभाग सबसे अधिक लाभदायक काम कर रहा है। राश्ट्रीय राजमार्ग प्रदेश का एक नया भाग्य बना रहे है। केन्द्रीय मंत्री को इस घटना पर संज्ञान लेना पड़ा यह और भी दुभाग्र्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा प्रश्न यह खड़ा होता है कि सार्वजनिक रूप से इस प्रकार का व्यवहार करने वाला व्यक्ति क्या प्रदेश के मंत्री होने के योग्य है। ऐसा व्यवहार तो साधारण व्यक्ति को भी नही करना चाहिए। पंचायत के एक पंच से भी इस प्रकार के घटिया व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस घटना से पूरे हिमाचल प्रदेश और प्रदेश सरकार की पूरे देश में बदनामी हुई है। मुख्यमंत्री की कड़ी परीक्षा है कि वे ऐसे व्यक्ति को कब तक मंत्री मंडल में रखे रहते है। इस गंभीर विषय पर अतिशीघ्र कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।