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बिचौलियों से बचने के लिए प्रगतिशील बागवान कबीर सिंह ने ढूंढा नायाब तरीका, ऑनलाइन बेचे सेब, कमाया अच्छा मुनाफा

शिमला-01 अक्टूबर. सेब सीजन के दौरान कुल्लू जिला के श्रीखंड चायल के प्रगतिशील किसान कबीर सिंह ठाकुर ने बिचौलियों से बचने का नायाब तरीका ढूंढ निकाला है. कबीर सिंह ने मार्केट में सेब के कम दाम मिलने के बाद सेब पेटियों को ऑनलाइन बेचने का फैसला लिया है जिसके चलते उन्होंने दर्जनों पेटियों की ऑनलाइन बिक्री की है। कबीर के मुताबिक डिजिटल युग में हर कोई अपने आपको को सोशल मीडिया पर दिखाना और बेचना चाहता है। कृषि बागवानी के लिए यह बहुत बड़ी देन है जहां हम अपने बाग बागीचों या खेत खलियानों में तैयार किसी भी फसल को ऑनलाइन बेच सकते हैं। इसको देखते हुए उन्होंने भी निर्णय लिया कि सेब को ऑनलाइन बेचकर मुनाफा कमाया जा सके।


कबीर ने बताया कि शुरुआत में थोड़ी मेहनत जरूर करनी पड़ती है लेकिन समय के साथ साथ इसका व्यवसाय बढ़ता जाएगा। उन्होंने कहा कि हर साल सेब की पैदावार लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन दूसरे देशों से सेब का आयात होने पर सेब बागवानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं ऐसे में अब ऑनलाइन व्यवसाय एक अच्छा साधन है जहां सेब बागवान सेब बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल सेब के अच्छे दाम मिल रहे थे लेकिन जब सेब सीजन चरम पर शुरू हुआ तो एकदम से दाम में गिरावट आ गई। जिसके चलते उन्होंने इस बात दर्जनों सेब पेटियां ऑनलाइन ही चंडीगढ़, दिल्ली,राजस्थान, जयपुर, पश्चिम बंगाल समेत लोअर हिमाचल के कांगड़ा, ऊना में अच्छे दाम पर बेची। उन्होंने बताया कि गिफ्ट पैकिंग के तौर पर उन्होंने 10-11 किलो रॉयल सेब को प्रति पेटी 2079 में बेचा है जबकि 10-11 किलो गोल्डन सेब को 1620 रुपए में बेचा है जबकि मार्किट में 20 किलो सेब पेटी के दाम भी यही मिल रहे थे। कबीर ने बताया कि इसके लिए पहले उन्होंने अपनी बेबसाईट तैयार की उसके बाद सेब अपनी वेबसाइट www. Ksappleorchards.store के माध्यम से बेचा है।

उन्होंने कहा कि श्रीखंड वैली में अगस्त सितंबर के बीच सेब पककर तैयार होता है उस समय सेब सीजन अपने चरम पर होता है ऐसे में सेब के दाम का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है कि क्योंकि कश्मीर समेत दूसरे देशों का सेब भी भारत की विभिन्न मंडियों में पहुंचता है जिसका असर हिमाचल के बागवानों पर पड़ता है। इसके अलावा सेब सीजन में बागवानों और आढ़तियों के बीच बिचौलियों की भूमिका भी बढ़ जाती है जिससे सेब के दाम नहीं मिल पाते हैं । इन सब से बचने के लिए ऑनलाइन सेब बेचना एक बेहतर विकल्प है जो भविष्य में एक अच्छा व्यवसाय बन सकता है। हालांकि ऑनलाइन व्यापार करने पर थोड़ा खर्च जरूर है लेकिन इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं और बागवानों को मिल सकता है।
कबीर सिंह ने सभी सेब बागवानों को सलाह दी है कि वे भी सेब के बेहतर दाम पाने के लिए ऑनलाइन ही सेब बेच सकते हैं।

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