नई दिल्ली-01 मई. राजस्थान की प्रख्यात कांग्रेस नेत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजसेवी डॉ. गिरिजा व्यास का गुरुवार को 79 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह 31 मार्च को उदयपुर स्थित अपने निवास पर गणगौर पूजा के दौरान आग से झुलस गई थीं, जिसमें वे 90 प्रतिशत तक झुलस गई थीं। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से कांग्रेस पार्टी समेत पूरे राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड गई। डॉ. व्यास शिक्षा, साहित्य, समाज सेवा और राजनीति के क्षेत्र में एक सशक्त और संवेदनशील आवाज रही हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की वरिष्ठ नेता थीं और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुकी थीं।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास के निधन पर हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गहरा दुःख जताया है। उन्होंने कहा कि जनहित के मुद्दों पर उनकी स्पष्ट सोच और शिक्षा क्षेत्र में उनका योगदान दीर्घकाल तक स्मरण किया जाएगा। सार्वजनिक जीवन में उनकी सहजता, सरलता और दृढ़ता ने उन्हें विशेष पहचान दी।ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजन को इस कठिन समय में धैर्य एवं संबल प्रदान करें। मेरी संवेदनाएँ शोक-संतप्त परिजन के साथ हैं।
कांग्रेस पार्टी ने अपने शोक संदेश में कहा, “डॉ. गिरिजा व्यास का निधन भारतीय राजनीति में एक अपूरणीय क्षति है। देश की राजनीति के साथ ही शिक्षा एवं समाज सेवा में उनका अभूतपूर्व योगदान रहा है। राजस्थान कांग्रेस ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा डॉ. गिरिजा व्यास का इस तरह असमय जाना कांग्रेस के लिए बड़ा आघात है। उनका योगदान शिक्षा, राजनीति और समाजसेवा के क्षेत्र में सदैव याद रखा जाएगा। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भावुक होते हुए कहा गिरिजा व्यास जी का निधन मेरे और मेरे परिवार के लिए व्यक्तिगत क्षति है। लगभग 25 वर्ष पूर्व कांग्रेस पार्टी की औपचारिक सदस्यता मुझे उनके हस्ताक्षर से मिली थी। उनका स्नेह और मार्गदर्शन सदैव प्रेरणा देता रहेगा।”