शिमला-20 मार्च. HPPCL के पूर्व मुख्य अभियंता विमल नेगी की संदिग्ध मौत पर वीरवार को विधानसभा सदन में भी खूब हंगामा हुआ। मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की और वाकआउट किया। विपक्ष के सदस्यों ने मुख्य अभियंता विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में विधानसभा अध्यक्ष को स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। शोकोद्गार के बाद सारी कार्यवाही रोककर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच हो। अधिकारियों का स्थानांतरण काफी नहीं है। अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए। निदेशक देसराज का निलंबन किया गया है मगर बाकी लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अभी तक निदेशक देस राज को ही निलंबित करने की जानकारी है। इस बारे में अभी तक का स्टेट्स क्या है इसे जानना चाहते हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई से ही करवाने की सरकार संस्तुति करे। अधिकारी पर काम का अत्यधिक दबाव था। निदेशक देस राज को पांच लोगों को सुपरसीड करके बनाया गया। उससे लगता है कि सरकार का खास आशीर्वाद दिया गया है।
उधर, सदन के भीतर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बारे में जवाब दे चुके हैं। अभी प्रश्नकाल शुरू होना चाहिए। पिछले दिन भी सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इसका जवाब दिया। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है। शिमला पुलिस को जांच में लगाया। पूरा प्रशासन तलाश में जुटा। एचपीपीसीएल के अधिकारियों ने भी तलाशा। बाद में मालूम हुआ कि शव मिला है। पिछले दिन अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को 15 दिनों में रिपोर्ट रखने को कहा है। सबसे पहले एफआईआर दर्ज की गई। इसमें कोई भी विलंब नहीं किया गया। आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में केस दर्ज किया गया। उसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का तबादला भी कर दिया। पिछले दिन भी सीबीआई जांच की बात नहीं की। किसी और एजेंसी से जांच करने की बात की। देस राज को निलंबित करने की मांग की तो सीएम ने तत्काल कार्रवाई की। परिजन सब चीज से संतुष्ट नहीं है। केवल भाजपा संतुष्ट नहीं है। इनको राजनीति करनी है। इस पर सदन में शोर-शराबा और हंगामा शुरू हो गया।