शिमला-06 मार्च. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में वकीलों ने तीसरे दिन वीरवार को भी अदालती काम ठप रखा है। बार एसोसिएशन ने यह निर्णय जरनल हाउस में बनी सहमति के बाद लिया। एसोसिएशन ने कहा कि राज्य समन्वय समिति की ओर से तय किया था कि 5 और 6 मार्च को पूरे प्रदेश में अधिवक्ता अदालती कार्य को नहीं करेंगे। प्रदेश में हर जगह अदालती कार्य ठप रहा। अधिवक्ता कानून 1961 में कानून मंत्रालय की ओर से किए जा रहे संशोधन के खिलाफ प्रदेश भर में वकील दो दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने गुरुवार सुबह राज्यपाल को अधिवक्ता कानून में हुए संशोधन को लेकर ज्ञापन साैंपने के लिए राजभवन तक जुलूस निकाला। इससे पहले सभी अधिवक्ता 10 बजे बार रूम में एकत्रित हुए। उसके बाद साढ़े दस बजे सभी अधिवक्ताओं ने राज्यपाल हाउस के लिए मार्च किया। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने प्रस्तावित संशोधन विधेयक को अधिवक्ताओं की स्वायत्तता छीनने वाला और गैर जरूरी विधेयक बताया है।
पूर्व महाधिवक्ता श्रवण डोगरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक को पेश की जाने के ही विरोध में है. उन्होंने इस विधायक को गैर जरूरी बताते हुए इसे संसद में पेश किए जाने का ही विरोध किया है। श्रवण डोगरा ने कहा कि प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक की कोई आवश्यकता नहीं है। नया संशोधन विधेयक लाया जाने के पीछे केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। प्रस्तावित संशोधन विधेयक के प्रावधानों से अधिवक्ताओं की स्वायत्तता छीनने का ख़तरा है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन इस संशोधन विधेयक को पेश किए जाने का ही विरोध करता है. केंद्र सरकार यह संशोधन विधेयक पेश न करें।पूर्व AG श्रवण डोगरा ने अन्य राज्यों की बार एसोसिएशन से भी प्रस्तावित संशोधन विधेयक का विरोध करने का आह्वान किया है। श्रवण डोगरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से प्रस्तावित संशोधन विधेयक के विरोध की शुरुआत हो गई है। अब दूसरे राज्यों की बार एसोसिएशन को भी आगे आने की आवश्यकता है।