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कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक 2024 नियम के तहत फूड विभाग के अधिकारी की हुई डिमोशन,जानें यहां

शिमला-05 मार्च. हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक 2024 लागू होने के बाद विभिन्न विभागों में अनुबंध से नियमित होने पर मिली प्रमोशन और अन्य वित्तीय लाभों को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. शिक्षा विभाग के बाद अब अन्य विभागों में भी संशोधन विधेयक में निर्धारित कानून को सख्ती के साथ लागू किया जा रहा है.

इसके तहत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में एक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी की डिमोशन हुई है जिसे इंस्पेक्टर ग्रेड-1 से पदोन्नति के बाद खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी बनाया गया था, लेकिन 20 फरवरी से लागू हुए हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक 2024 के तहत अधिकारी को मिली प्रमोशन के आदेशों को रद्द किया गया है. ऐसे में अब इस अधिकारी को इंस्पेक्टर ग्रेड-1 के पद पर ही अपनी सेवाएं देनी होंगी. इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आरडी नजीम ने अधिसूचना जारी की है.

अनुबंध से आए इंस्पेक्टरों ने अपनी वरिष्ठता को लेकर प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में मामला दायर किया था और फैसला उनके पक्ष में आया. जिस पर राज्य सरकार ने फैसले के खिलाफ प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी लेकिन सरकार को फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिली. प्रदेश हाईकोर्ट ने ट्रिब्यूनल के फैसले को ही बरकरार रखा जिसके बाद सरकार मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची, लेकिन वहां पर सरकार के हाथ निराशा लगी.ऐसे में इस मामले पर सरकार ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी, जिसे भी खारिज किया गया.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक 2024 के मुताबिक अनुबंध से नियमित हुए कर्मचारियों को उनकी रेगुलर नियुक्ति की तारीख से ही वरिष्ठता एवं वित्तीय लाभ मिलेंगे. इसमें अब अनुबंध अवधि को नहीं जोड़ा जाएगा. वहीं वर्ष 2008, 2010 और 2011 में अनुबंध आधार पर नियुक्त किए गए निरीक्षकों को पांच साल की सेवा पूरी करने के बाद रेगुलर किया गया था, लेकिन 2010 में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में बदलाव के बाद सीधी भर्ती और पदोन्नति से आने वाले कर्मियों का अनुपात 75:25 कर दिया गया.इसके बाद में वरिष्ठता सूची को लेकर विवाद हुआ, जिसमें अनुबंध से नियमित हुए निरीक्षकों को पदोन्नति में पीछे रखा गया था. वहीं, अब सरकार के इस फैसले से विभाग में करीब 10 खाद्य आपूर्ति अधिकारियों की डिमोशन हो सकती है जो कॉन्ट्रेक्ट से रेगुलर हुए थे.

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