शिमला-21 फरवरी. प्रदेश सरकार ने राजस्व कर्मियों की जिला कैडर बहाल रखने की मांग खारिज कर दी है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने दोटूक कहा है कि प्रदेश के लोगों और राजस्व कर्मियों के हितों को ध्यान में रखकर ही राज्य कैडर में शामिल करने का फैसला लिया गया है। राजस्व कर्मी राज्य कैडर का विरोध कर रहे हैं और कई बार सरकार को इसे लेकर मांग पत्र सौंप चुके हैं। मंत्री जगत सिंह नेगी का कहना है कि राजस्व कर्मियों को राज्य कैडर में शामिल करने का फैसला प्रदेश के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है। राजस्व कर्मियों को भी इस फैसले से लाभ होगा। जिला कैडर में बहुत से कर्मचारी कई कई सालों से दूसरे जिलों में सेवाएं दे रहे हैं उनकी मांग है कि उन्हें उनके गृह जिले में तैनाती मिले। राज्य कैडर लागू होने पर ऐसे कर्मचारियों को अपने जिलों में सेवाएं देने का मौका मिलेगा। सरकार के इस फैसले से आम लोगों को भी लाभ होगा क्योंकि एक ही जिले में सेवाएं देने से कर्मचारियों में जो स्थिरता आ गई है वह दूर होगी और कार्यक्षमता बढ़ेगी।
बता दें कि बीते साल जुलाई में मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्व कर्मियों को राज्य कैडर में शामिल करने के फैसले के बाद राजस्व कर्मियों ने सरकार को अतिरिक्त कार्यभार छोड़कर पटवारखानों और कानूनगो ऑफिस में ताला लगाकर चाबियां सरकार को सौंपने की चेतावनी दे दी थी। इसके बाद विरोध स्वरूप ऑनलाइन काम बंद कर दिया। पटवारी एवं कानूनगो महासंघ ने सरकार से लंबित मांगे पूरी करने की मांग उठाई थी। सरकार से टेक्निकल स्केल, चार पटवारियों पर एक कानूनगो, पदोन्नति का समय निर्धारित करने और आर्थिक लाभ जारी करने की मांग उठाई थी।