सोलन-12 जनवरी.हिमाचल की धरती एक बार फिर शर्मसार हुई है यहां मां बाप की दरिंदगी ने नवजात बच्ची को शमशानघाट गेट के बाहर छोड़ दिया है। मामला सोलन के कंडाघाट का है जहां एक नवजात बच्ची शमशान घाट गेट के बाहर रोती बिलखती हुई मिली। सुबह करीब 7 बजे कालका-शिमला फोर लेन निर्माण में काम कर रहे मजदूरों में से एक व्यक्ति भागते हुए ढाबे में आया। उसकी घबराई हुई आवाज में इंद्र को बताया गया पीछे शमशान घाट गेट के पास सड़क किनारे एक नवजात बच्ची पड़ी है। यह सुनते ही इंद्र सिंह का दिल तेजी से धड़कने लगा। वह तुरंत अपनी काम की जगह छोड़कर शमशान घाट के गेट की ओर भागे।
वहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि सड़क किनारे एक नीले कपड़े में लिपटी हुई एक नन्ही सी जान के रूप में एक नवजात बच्ची पड़ी थी। उसके नन्हे हाथ ठंड से कांप रहे थे आसपास कोई भी नहीं था। ऐसा लग रहा था जैसे वह नन्ही परी किसी अज्ञात महिला द्वारा जन्म देने के बाद वहां छोड़ दी गई हो। इंद्र सिंह ने बिना किसी देरी के उस बच्ची को अपनी बाहों में उठा लिया। उसके छोटे-छोटे शरीर की गर्माहट ने मानो इंद्र सिंह के दिल में एक नई भावना जगा दी। वह बच्ची रो नहीं रही थी, लेकिन उसकी आँखों में मानो एक अनकही कहानी थी।
इंद्र सिंह ने तुरंत पास ही एक नेपाली मूल की महिला को, जो ढाबे के पास ही ढारे में रहती थी, बच्ची को संभालने के लिए दिया। उस महिला ने न केवल उस बच्ची को अपनी गोद में लिया बल्कि उसे गर्म कपड़ों में लपेटकर उसकी देखभाल शुरू कर दी। यह घटना इंसानियत की उन कहानियों में से एक है, जो हमें याद दिलाती है कि जिंदगी कितनी नाजुक और कीमती है। इस नवजात बच्ची की मौजूदगी ने इंद्र और उन सभी लोगों को झकझोर दिया जो इस घटना के गवाह बने।
फ़िलहाल यह स्पष्ट है कि इस नन्ही जान को उसकी माँ ने किसी कारणवश त्याग दिया होगा। लेकिन इस बच्ची के प्रति दिखाए गए दया और इंसानियत के भाव ने साबित कर दिया कि हम एक समाज के रूप में अभी भी संवेदनशील हैं। कंडाघाट पुलिस ने इस मामले में अज्ञात महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। इस बीच इंद्र सिंह और नेपाली महिला की इस नन्ही परी को बचाने के प्रयास की प्रशंसा की जा रही हैं।
एसपी गौरव सिंह ने नवजात बच्ची के मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच की जा रही है। सीसी फुटेज भी खंगाले जा रही है। उन्होंने कहा कि नवजात बच्ची को अस्पताल में दाखिल किया गया है। वो पूरी तरह से स्वस्थ है। यह कहानी सिर्फ एक नवजात बच्ची की नहीं है, बल्कि यह उस मानवीय भावना की है जो हमें हर मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे का सहारा बनने की ताकत देती है।