शिमला-11 जनवरी. हिमाचल सरकार में सीपीएस पद गवांने वाले 6 पूर्व CPS को सरकार ने नई जिम्मदारी दी है। सरकार ने इन सभी पूर्व 6 सीपीएस को विधानसभा समितियों के सभापति के रूप में नई जिम्मेदारी दी गई है।
पूर्व सीपीएस संजय अवस्थी ,सूंदर सिंह ठाकुर,मोहन लाल ब्राक्टा,किशोरी लाल,रामकुमार, आशीष बुटेल को अलग अलग समितियों का सभापति नियुक्त किया गया है। समितियों में इनके साथ अन्य विधायकों को सदस्यों के रूप में नियुक्त किया गया है। सबसे पहले बात करें पूर्व सीपीएस व MLA संजय अवस्थी की तो इन्हें सामान्य विकास समिति का अध्यक्ष बनाया गया है इस समिति में विधायक अनिलशर्मा, सुधीर शर्मा,राकेश कालिया, रणधीर शर्मा जीतराम कटवाल,सुदर्शन बबली,हरदीप सिंह बाबा को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
उसी तरह पूर्व सीपीएस व MLA सुंदर सिंह ठाकुर को मानव विकास समिति का अध्यक्ष बनाया गया है उनके साथ विक्रम सिंह ,विनोद कुमार,संजय अवस्थी,बलवीर वर्मा,रणवीर सिंह निक्का, कुलदीप राठौर,मलेंद्र राजन व अनुराधा राणा को बतौर सदस्य नियुक्त किया गया है।
उसी तरह पूर्व सीपीएस व MLA किशोरी लाल को लोक उपक्रम समिति का सभापति बनाया गया है। जबकि सदस्य के रूप में विपिन सिंह परमार,विक्रम ठाकुर, सुखराम,इंद्रदत्त लखनपाल,सुरेंद्र शौरी,भुवनेश्वर गौड़, पूर्ण चंद ठाकुर, हरीश जनारथा, सुरेश कुमार और विवेक शर्मा को बतौर सदस्य नियुक्त किया गया है। मोहन लाल ब्राक्टा को कल्याण समिति का सभापति बनाया गया है। जबकि सदस्यों के रूप में उनके साथ विनोद कुमार,रामकुमार,रणधीर शर्मा,रीना कश्यप,लोकेंद्र कुमार, दीपराज, चन्द्रशेखर,सुदर्शन बबलू,विनोद सुल्तानपुरी और अनुराधा राणा को सदस्य नियुक्त किया गया है।
पूर्व सीपीएस MLA राम कुमार को ग्राम नियोजन समिति का सभापति बनाया गया है जबकि सदस्यों के रूप में सुखराम,इंद्रदत्त लखनपाल, प्रकाश राणा,दीप राज,नीरज नैयर,आशीष शर्मा,कमलेश ठाकुर,त्रिलोक जमवाल को सदस्य नियुक्त किया गया है। जबकि पूर्व सीपीएस व MLA आशीष बुटेल को जन प्रशासन समिति का सभापति नियुक्त किया गया है। इस समिति में MLA मोहन लाल ब्राक्टा, बिपिन सिंह परमार, संजय रत्न,डीएस ठाकुर,राकेश जम्वाल,लोकेंद्र कुमार और कैप्टन रंजीत राणा को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने इन नियुक्तियों को विधायकों की प्रशासनिक भूमिका और जिम्मेवारी को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने अपने 6 विधायकों को सीपीएस नियुक्त किया था लेकिन इनकी नियुक्ति को लेकर भाजपा व अन्य ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इन नियुक्तियों को असंवैधानिक करार देते हुए इन्हें तुरन्त पद से हटाने के निर्देश दिए थे तब से कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार इन्हें कोई न कोई बड़ी जिम्मेवारी सौंपेंगी जिसके चलते सरकार ने आज इन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी है।