शिमला-04 जनवरी. प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में सोशल मीडिया पर रील्स बनाना अब महंगा पड़ सकता है। प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों को सोशल मीडिया का अनावश्यक उपयोग करने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक सरकारी स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारी रील्स नहीं बना सकेंगे और न ही स्कूल कैंपस में सोशल मीडिया का अनावश्यक यूज नहीं कर पाएंगे। शिक्षा निदेशक की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि स्कूलों में अब शिक्षक और कर्मचारी रील ना बनाएं ।

शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने कहा यह बात संज्ञान में आई है कि स्कूल के समय में कुछ शिक्षक और कर्मचारी ऐसे वीडियो या रील बनाने में लगे रहते हैं, जो किसी भी तरह से छात्रों के शैक्षणिक ज्ञान, खेल, सह-पाठ्यचर्या, पाठ्येतर गतिविधियों या समग्र विकास में योगदान नहीं देते हैं. ऐसी गतिविधियां न केवल छात्रों का ध्यान आवश्यक शैक्षिक लक्ष्यों से भटकाती हैं, बल्कि उन्हें उनकी प्रारंभिक उम्र के दौरान सोशल मीडिया के अनावश्यक और संभावित रूप से हानिकारक उपयोग की ओर भी प्रभावित कर सकती है। ऐसी गतिविधियां केवल मूल्यवान समय और ऊर्जा की बर्बादी में योगदान देती हैं।
शिक्षा निदेशक ने कहा इस संबंध में यह निर्देश दिया जाता है कि विद्यालय परिसर में शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा वीडियो/रील बनाने और सोशल मीडिया के अवांछित उपयोग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. संस्थानों के प्रमुखों को परिसर में ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया जाता है। छात्रों और शिक्षकों दोनों को सार्थक शैक्षणिक प्रदर्शन, व्यक्तित्व निर्माण, संस्था निर्माण और सबसे बढ़कर राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में प्रेरित और सक्रिय रूप से शामिल करने के प्रयास किए जाने चाहिए. छात्रों की ऊर्जा को खेल, सह-पाठ्यचर्या, पाठ्येतर और शैक्षणिक गतिविधियों में लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. ताकि वे सर्वश्रेष्ठ इंसान और भविष्य के महान नागरिक बन सकें। बता दें कि इससे पहले पुलिस विभाग ने भी पुलिस जवानों के लिए सोशल मीडिया में रील बनाने पर पाबंदी लगाई है। जिसके बाद भी कुछ पुलिस जवानों न सरकार के आदेशों की अवहेलना की जिस पर विभाग ने कानूनी कार्रवाई भी की है।