शिमला-16 दिसबंर. आईजीएमसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू के बैनर तले दो महीने से वेतन भुगतान न होने से खफा होकर IGMC गेट के पास विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अस्पताल के सैंकड़ों कर्मियों ने IGMC प्रबंधन व ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा बांधा। यूनियन ने अस्पताल के प्रधानाचार्य, अतिरिक्त निदेशक व चिकित्सा अधीक्षक से तत्काल मांगों का समाधान मांगा है अन्यथा 23 दिसंबर के बाद यूनियन निर्णायक आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी।
यूनियन ने निर्णय लिया है कि 23 दिसंबर के बाद आईजीएमसी प्रशासन व ठेकेदारों की मिलीभगत के खिलाफ निरंतर आंदोलन होगा। इसके तहत हड़ताल, धरने प्रदर्शन, राजभवन, सचिवालय, महात्मा गांधी प्रतिमा, उपायुक्त कार्यालय मार्च व अधिकारियों के घेराव होंगे। यूनियन ने अस्पताल के प्रबंधन व ठेकेदारों पर आरोप लगाया है कि वे मजदूरों का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने न्यायालय में आईजीएमसी प्रबंधन के उस हलफनामे का कड़ा संज्ञान लिया है व उसकी निंदा की है जिसमें प्रबंधन ने इन मजदूरों की नियुक्ति व वेतन देने से पल्ला झाड़ लिया है।
यूनियन ने आईजीएमसी प्रबंधन से पूछा है कि कोविड योद्धाओं से ऐसा बर्ताव करने के पीछे उनका कौन सा गुप्त एजेंडा है। उन्होंने कहा कि एक सौ पचास से ज्यादा वार्ड एटेंडेंट, सफाई, सुरक्षा कर्मियों व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ को नौकरी से निकालने की साजिश रची जा रही है। इन एक सौ पचास मजदूरों को दो महीने से वेतन भी नहीं दिया गया है। इसके अलावा आईजीएमसी के किसी भी आउटसोर्स कर्मी को दिसंबर महीने की सात तारीख बीत जाने के बावजूद भी नवंबर महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। मजदूरों से अपने कार्य के अतिरिक्त कार्य करवाया जा रहा है व उन्हें अतिरिक्त कार्य का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा व इसके खिलाफ निर्णायक आंदोलन होगा।