शिमला-22 नवंबर. हिमाचल भवन कुर्क मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार की ओर से बकाया अग्रिम प्रीमियम को जमा कर दिया है.सरकार ने ब्याज सहित अग्रिम प्रीमियम राशि करीब 84 करोड़ रुपए कंपनी को जमा करवा दिए हैं जिसके चलते अब हिमाचल भवन कुर्क होने वाला मामला फिलहाल थम गया है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने का आदेश दिया था जिस पर प्रदेश सरकार ने कानूनी रे लेने की बात कही थी।
बता दें कि यह परियोजना वर्ष 2009 में कम्पनी को प्रदान की गई थी तथा तत्कालीन ऊर्जा नीति के अनुसार कंपनी द्वारा विद्युत परियोजना स्थापित करने अथवा इसकी स्थापना में विफल रहने पर राज्य सरकार को भुगतान किए गए अग्रिम प्रीमियम को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं था। तत्कालीन ऊर्जा नीति के तहत राज्य को प्रति मेगावाट 10 लाख रुपये भुगतान करने का प्रावधान था तथा प्रतिस्पर्धी बोली के दौरान मैसर्ज मोजर बियर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने न्यूनतम 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट की बोली लगाई तथा 64 करोड़ रुपये का अग्रिम प्रीमियम जमा करवाया। उन्होंने कहा कि कंपनी को इस नीति के प्रावधानों की जानकारी थी। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री विद्या स्टोक्स के कार्यकाल के दौरान विधायक के रूप में नीति को तैयार करने में योगदान दिया था।
320 मेगावाट की सेली हाइडल इलैक्ट्रिक परियोजना के संबंध में हिमाचल प्रदेश सरकार, मैसर्ज मोजर बेयर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स सेली हाइड्रो इलैक्ट्रिक पावर कंपनी के बीच 22 मार्च 2011 को त्रिपक्षीय पूर्व कार्यान्वयन समझौता किया गया था। वर्ष 2017 में कंपनी ने परियोजना को वित्तीय रूप से व्यवहार्य न बताते हुए परियोजना को सरेंडर कर दिया था और सरकार ने नीति के अनुसार आवंटन रद्द कर दिया और अग्रिम प्रीमियम राशि को जब्त कर लिया था।