शिमला -20 नवंबर. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू से कई सवाल पूछे हैं और उनसे ईमानदारी से सवालों के जवाब देने का आग्रह किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री के अपने हलके नादौन से दो क्रशर व्यापारियों को गिरफ़्तार किया गया है। गिरफ़्तार किए गए क्रशर व्यापारियों से मुख्यमंत्री के संबंध है? इसके बारे में उन्हें पूरे प्रदेशवासियों को बताना चाहिए। प्रदेश के लोग इस बारे में जानना चाहते हैं कि उन क्रशर व्यापारियों का मुख्यमंत्री से कोई संबंध है या नहीं। यह मुख्यमंत्री की निजी प्रतिष्ठा से जुड़ा प्रश्न भी है। क्या यह एक संयोग है या प्रयोग कि सरकार के चाहे मंत्री हों या सीपीएस सबके पास क्रशर है और सब पर खनन के ज़रिए भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। हम पहले दिन से ही कह रहे हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और इसमें खनन माफिया सरकार के संरक्षण में खूब फल फूल रहा है। जिसे सरकार के करीबियों और मुख्यमंत्री द्वारा हंसी में उड़ाया जा रहा था आज वह सच साबित हुआ। बाकी की बात यह है कि भ्रष्टाचार के जांच की आंच अब सीएम के करीबियों, सीएम ऑफिस से होती हुई सीएम तक पहुंच गई हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछली साल आई आपदा के दौरान प्रदेश के ब्यास बेसिन के सारे क्रशर बंद कर दिए गए थे और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी का क्रशर नादौन और हमीरपुर क्षेत्र में दनदनाता हुआ दौड़ रहा था। सरकार की इस मेहरबानी से जहां क्रशर व्यापारी ने अरबों रुपए अंदर किए तो वहीं आपदा के समय प्रदेशवासियों को रेता बजरी के लिए तरसना पड़ा। अपना सब कुछ गंवा चुके लोगों को 5 गुना महंगे दामों पर रेता- बजरी जैसी महत्वपूर्ण चीजें खरीदनी पड़ी। सरकार की इस नाकामी या भ्रष्टाचार की वजह से प्रदेश के लोगों को आपदा से मिले जख्म और गहरे हो गए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस आरोपी को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है उनमें से एक आरोपी मुख्यमंत्री की कार में बैठकर मुख्यमंत्री कार्यालय आया था, ऐसा लोग आरोप लगा रहे थे। क्या यह सच है? मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए। आरोप यह भी है कि यह वही समय था जब सुक्खू सरकार ने प्रदेश में पुरानी खनन नीति को बदलकर नई खनन नीति लाई थी। उन्होंने घोटाले और भ्रष्टाचार के सारे रास्ते खोले थे। प्रदेश के लोग यह जानना चाहते हैं कि ईडी की गिरफ्त में आया आरोपी मुख्यमंत्री की गाड़ी में घूमना और उनके ऑफिस में भी आना-जाना क्या महज संयोग था या प्रयोग। उन्होंने कहा अगर इत्तेफाक था तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और यदि कोई साजिश तो इसका जवाब मुख्यमंत्री, सरकार और पूरी कांग्रेस पार्टी को देना पड़ेगा। और मुख्यमंत्री इधर-उधर की बात करके इन सवालों को टालना चाहिए और ना ही इन सवालों से भागना चाहिए। क्योंकि प्रदेश की जनता उनकी तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है।