शिमला-08 नवंबर. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले में हिमाचल के बद्दी सहित 11 स्थानों पर दबिश दी है। यह कार्रवाई गुगलानी समूह की विभिन्न कंपनियों और उनके निदेशक तथा अन्य द्वारा किए गए 2 बैंक धोखाधड़ी मामलों के संबंध में की गई, जिसके कारण क्रमश: 125.40 करोड़ और 53.88 करोड़ रुपए का गलत नुक्सान हुआ। गुगलानी समूह की उधार लेने वाली कंपनियां मल्टीकलर ऑफसैट प्रिंटिंग और कम्प्यूटर स्टेशनरी के व्यवसाय में लगी हुई थी।
मामले की जांच के तहत ईडी ने बद्दी के साथ ही चंडीगढ़, पंचकूला (हरियाणा), मोहाली और अमृतसर (पंजाब), दिल्ली और अहमदाबाद (गुजरात) स्थित 11 परिसरों में तलाशी अभियान चलाया। ईडी की तलाशी में कई नए बैंक खातों का पता चला है। साथ ही 3 लाख रुपए की नकदी, अपराध संकेती दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। मामले में आगामी जांच जारी है और जल्द ही पूछताछ का दौर शुरू होगा।
बता दें कि ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर बैंकों के संघ (पीएनबी, केनरा बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई और सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सहित) को कुल 179.28 करोड़ रुपए का जानबूझ कर नुक्सान पहुंचाने के आरोप में जांच शुरू की है। धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों ने कंसोर्टियम बैंकों से ऋण लेने के लिए जाली दस्तावेजों और धोखाधड़ी से बढ़ा-चढ़ाकर वित्तीय परिणाम का इस्तेमाल किया और बाद में इसे अपने समूह की कंपनियों जैसे मैसर्ज शिवेक लैब्स लिमिटेड, मैसर्ज सुपर हैल्थ केयर, मैसर्ज स्काई ब्लू पेपर्स व मैसर्ज यॉर्क पॉलिमर आदि और अन्य फर्जी कंपनियों में फर्जी बिक्री व खरीद लेन-देन के नाम पर स्थानांतरित कर दिया।