शिमला-01 सितंबर. हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष मानसून के दौरान मूसलधार बारिश और उससे उत्पन्न आपदाओं के चलते भारी तबाही मची है। 19 जून 2025 से अब तक राज्य में लगातार बारिश हो रही है, जिससे कई जिलों में भूस्खलन, बादल फटने और सड़क दुर्घटनाओं जैसी घटनाएं सामने आई हैं। राज्य सरकार ने वर्तमान हालात को देखते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 24 के तहत विशेष आपातकालीन आदेश जारी किए हैं।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में 45 बादल फटने, 91 फ्लैश फ्लड और 105 बड़े भूस्खलनों की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं में अब तक 161 लोगों की जान जा चुकी है और 40 लोग लापता हैं। इसके अतिरिक्त 154 लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। कुल मिलाकर 845 घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं और 3254 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अब तक अनुमानित ₹3056 करोड़ की संपत्ति का नुकसान रिपोर्ट किया गया है।
चंबा जिले में चल रही श्री मणिमहेश यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु मार्ग अवरुद्ध होने से फंसे रहे। कई सड़कों, पुलों, जल आपूर्ति योजनाओं और बिजली सेवाओं को भी भारी नुकसान पहुंचा है। 780 से अधिक सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं, 360 जल योजनाएं बंद हैं और 2274 ट्रांसफार्मर ठप हैं।

राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश में निम्नलिखित निर्देश दिए गए हैं:
- सभी विभाग आपातकालीन कार्यों के लिए पूर्व निर्धारित आदेशों का पालन करें।
- जिला मजिस्ट्रेट आपदा की स्थिति में आवश्यक आदेश जारी कर सकेंगे।
- पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड आवश्यक सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करें।
- विभाग और डीडीएमए सुचारु आवागमन एवं सेवाओं के लिए सभी उपाय करें।
- राहत कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
- मोबाइल और लैंडलाइन सेवाओं को युद्धस्तर पर बहाल किया जाए।
- स्थानीय निकाय (ग्राम पंचायतें और नगर निकाय) राहत और बहाली में सक्रिय भागीदारी निभाएं।
- राज्य सरकार ने सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों को युद्धस्तर पर राहत एवं बहाली कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं ताकि जनजीवन को सामान्य किया जा सके।