शिमला-03 सितंबर. प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग की रेड अलर्ट की चेतावनी के बीच पहाड़ों का मलबा लोगों के घरों और सड़कों पर टूट-टूट कर गिर रहा है।
मंडी जिले के सुंदरनगर में लैंडस्लाइड से दो मकानों पर पहाड़ी का भारी मलबा गिरा, जिसमें दबकर छह लोगों की मौत हो गई। मृतकों में से चार एक ही परिवार के थे। आशंका है कि अब भी कुछ लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। कुल्लू जिले के अखाड़ा बाजार में देर रात भूस्खलन की चपेट में आने से दो मकान भरभराकर गिर गए। हादसे में एनडीआरएफ का एक जवान और एक अन्य व्यक्ति मलबे में दब गए। पिछले 24 घंटे के भीतर प्रदेश में लैंडस्लाइड और मकानों के ढहने से कुल 12 लोगों की मौत हो चुकी है। शिमला के रामपुर में भीषण बारिश से विश्वकर्मा मंदिर का हिस्सा टूटकर ढह गया। वहीं, किन्नौर जिले के वांगतू में एनएच-5 पर खड़े पांच ट्रक पहाड़ी से गिरे पत्थरों से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। स्थिति इतनी भयावह है कि मंडी जिले के जोगिंद्रनगर क्षेत्र के कुंडुनी गांव में आज सुबह प्रशासन ने खतरे को देखते हुए पूरा गांव खाली करवा दिया। लोग अपने पालतू मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए।
प्रदेश सरकार ने अलर्ट के तहत शिमला, सोलन, चंबा, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही जिला उपायुक्तों ने स्कूलों के प्रमुखों को ऑनलाइन क्लासेस शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश भर में इस वक्त हालात बेहद गंभीर हैंप्रदेश भर में इस वक्त हालात बेहद गंभीर हैं। 1333 सड़कें भूस्खलन से बंद हो चुकी हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आज दोपहर 12 बजे तक चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में कुछ जगहों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है। वहीं, बिलासपुर, हमीरपुर, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना में भी भारी बारिश का अंदेशा जताया गया है।