शिमला-01 सितंबर. प्रदेश में बारिश ने अगस्त में करीब 76 वर्षों का रिकाॅर्ड तोड़ दिया है। प्रदेश में साल 1901 के बाद से अगस्त में नौवीं सबसे अधिक बारिश (431.3 मिलीमीटर) हुई है। यह साल 1949 के बाद से अगस्त में हुई सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले 1927 में सबसे अधिक बारिश (542.4 मिमी) दर्ज की गई थी। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है। राज्य में अगस्त में 256.8 मिमी बारिश को सामान्य माना गया लेकिन वास्तव में 431.3 मिलीमीटर बारिश हुई जोकि 68 फीसदी अधिक है। इस दाैरान जिला कांगड़ा में सबसे अधिक वर्षा 816.2 मिमी और जिला लाहौल-स्पीति में सबसे कम 129.7 मिमी वर्षा हुई। अगस्त में बिलासपुर, चंबा, किन्नौर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और ऊना जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। हमीरपुर, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है तथा लाहौल-स्पीति जिले में सामान्य वर्षा हुई है।
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य में 7 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहेगा। आज ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, शिमला, सोलन व सिरमाैर जिले के लिए रेड अलर्ट है। जबकि हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, मंडी, किन्नाैर व लाहाैल-स्पीति के लिए ऑरेंज अलर्ट है। 2 सितंबर के लिए कांगड़ा, मंडी व सिरमाैर में रेड अलर्ट, जबकि बाकि जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। खराब मौसम को देखते हुए शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा, मंडी, ऊना और हमीरपुर, लाहाैल-स्पीति में प्रशासन ने शैक्षणिक संस्थान बंद रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग के अनुसार सितंबर के के दौरान, राज्य के अधिकांश हिस्सों में सामान्य व सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
प्रदेश में जारी बारिश के बीच मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 3,05,684.33 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 31 अगस्त तक 320 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 379 लोग घायल हुए हैं। 40 लोग अभी लापता हैं। इस दौरान 154 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 4,569 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 3,710 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,885 पालतु पशुओं की मौत हुई है।