शिमला-22 जनवरी. हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक कर्मचारी संघ प्रेस/सोशल मीडिया में कुछ दिनों से दिए जा रहे बैंक की ऋण वसूली से सम्बंधित अफवाहपूर्ण और गलत बयानों का खंडन करता है जिस वजह से बैंक और उसके अधिकारियों की कार्यशैली, छवि खराब करने तथा बैंक की नियमित ऋण वसूली को प्रभावित करने कि चेष्टा की गई है ।
बैंक कर्मचारी संघ यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि बैंक ने बिलासपुर, मंडी, सिरमौर जिलों से संबंधित अपने डिफॉल्टरों के खिलाफ कोई भी नीलामी प्रक्रिया 25 से 31 जनवरी 2025 के दौरान निर्धारित नहीं की है। इसलिए, दिव्य हिमाचल के संवाददाता को इस सन्दर्भ में पूर्व विधायकों सोहन लाल एवं के. के. कौशल द्वारा धर्मशाला में दिए गए बयान झूठे, भ्रामक और सच्चाई से दूर हैं तथा कर्मचारी संघ ऐसे निराधार व्यानो की भरपूर भर्तसना करता है ।
कर्मचारी संघ इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आम जनता को यह भी स्पष्ट करना चाहता है कि बैंक ने हाल ही में अपने कर्जदारों/विधवाओं या या किसी भी गरीब व्यक्ति की जमीन की नीलामी नहीं की है। अतः सोशल मीडिया/समाचार पत्रों में 2000 से अधिक व्यक्तियों/डिफॉल्टरों की भूमि की बैंक द्वारा नीलामी की अफवाहें झूठी, निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। ऐसी झूठी अफवाहें सामान्य वसूली प्रक्रिया को पटरी से उतारने और बैंक के कर्मचारियों एवं संस्थान की छवि खराब करने के गलत इरादे से फैलाई जा रही। कर्मचारी संघ ऐसी बेबुनियाद बातों का पुरजोर खंडन करता है।
बैंक ने कुछ भूमि खरीद खातों ( LP ACcounts) में, जिनकी मलकियत बैंक के नाम 15-20 वर्ष पूर्व स्थानांतरित हो चुकी है की नीलामी प्रक्रिया जरूर अमल में लायी परन्तु ऐसा करने से पहले बैंक ने हितधारकों को एक मुश्त ऋण अदायगी योजना के तहत ऐसे खातों के निपटान हेतु भरपूर मौका दिया । बैंक अधिकारी, कर्मचारी ने इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता, बैंक एक्ट एवं रूल्स के तहत तथा सभी आवश्यक कारवाही पूर्ण करने के उपरांत ही अमल में लाया । बैंक को ऐसा करना निहायत ही जरुरी था क्योकि बैंक की ऋण वसूली दिसंबर 2024 तक बहुत कम है जो चिंताजनक का विषय है तथा बैंक का गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NPAs) कुल बकाया ऋण का नाबार्ड द्वारा निर्धारित 10% की ऊपरी सीमा की तुलना में बहुत अधिक है।
बैंक कर्मचारी संघ बैंक अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक दवारा बैंक हित एवं ऋण वसूली के लिए बैंक एक्ट एवं रूल्स के तहत उठाये गए कदमो की सराहना करता हैं जिसके परिणाम सवरूप बैंक कि वसूली में जनवरी 2025 तक लगभग 25 करोड़ से अधिक कि बढ़ोतरी दर्ज कि गयी तथा उम्मीद कि जाती है कि बैंक इस वित् वर्ष के अंत में 6-8 करोड़ का लाभ अर्जित करने में समर्थ हो पाएगा I हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक 1961 से हिमाचल प्रदेश राज्य के किसानों और बागवानों को सरल ब्याज दर और आसान शर्तों पर ऋण प्रदान कर रहा है।