शिमला-14 फरवरी. प्राकृतिक सौंदर्य और विभिन्न प्रकार के फलों की पैदावार के लिए प्रसिद्ध बंजार क्षेत्र में प्राकृतिक खेती किसान अनिता नेगी ने अपनी अलग पहचान बनाई है। अनिता नेगी हिमाचल में प्राकृतिक खेती के उन प्रमुख सूत्रधारों में से एक हैं। जिन्होंने 6 वर्ष पहले प्रदेश में शुरू हुई प्राकृतिक खेती को एक चुनौती के रूप में लिया और इसे अपने खेतों में करना शुरू किया। अब अनिता नेगी को प्राकृतिक खेती करते हुए 6 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है और उन्हें क्षेत्र में प्राकृतिक खेती किसान के रूप में पहचान मिली है। अनिता नेगी बिना रसायनों के प्राकृतिक खेती करती हैं और अपनी 20 बीघा भूमि में बागवानी और कृषि फसलों के साथ फलांे के पौधों की नर्सरी से सालाना 40 लाख रूपये की कमाई कर रही हैं। अनिता नेगी न सिर्फ कुशल गृहिणी और अच्छी किसान होने के साथ गहरी समझबूझ रखने वाली राजनीतिज्ञ भी हैं। बंजार क्षेत्र से बीडीसी सदस्य रही अनिता नेगी न सिर्फ अपने गांव और पंचायत में प्राकृतिक खेती का प्रचार.प्रसार कर रही हैं, बल्कि पूरे बंजार क्षेत्र में लोगों को प्राकृतिक खेती के लिए जागरूक कर रही हैं।
अनिता ने वर्ष 2018 में बंजार में लगाए गए प्राकृतिक खेती के जागरूकता शिविर में भाग लिया और इसके बाद इसमें गहरी रूचि होने के चलते इन्होंने गाजियाबाद से प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण प्राप्त किया। अनिता ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मैंने अपने घर पर ही खेती पर प्रयोग होने वाले सभी आदान बनाने शुरू किये और इनका प्रयोग करने से मुझे बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिले। उन्होंने बताया कि मेरे साथ मेरा बेटा भी अब प्राकृतिक खेती को अपना चुका है और हमारी देखा.देखी में गांव के अन्य लोगों ने इस खेती विधि को अपना लिया है।
अनिता नेगी ने सब्जियों और फलों के साथ अब फलों की पौध को भी प्राकृतिक खेती विधि से तैयार करना शुरू किया है। उन्होंने बताया कि इस सेब, अनार, नाशपाती और परसीमन के पौधों को घर में तैयार होने वाले आदानों से तैयार किया जा रहा है। अनिता नेगी की तैयार की हुई नर्सरी की विशेष मांग रहती है और प्रदेश के दूर-दराज इलाकों से इनके पास हजारों लोग पौधे लेने के लिए आते हैं। अनिता नेगी बताती हैं कि वे नर्सरी में किसी भी प्रकार का रसायन प्रयोग में नहीं लाती हैं और बागवानों को स्वस्थ और अच्छी पैदावार वाले पौधे उपलब्ध करवाती हैं। अनिता के पास एक 400 सेब के पौधों का बगिचा भी है, इसमें भी प्राकृतिक खेती विधि के आदानों का प्रयोग किया जा रहा है।
अनिता नेगी बताती हैं कि जब मैंने इस खेती विधि के बारे में जागरूकता शिविर में भाग लिया तो मैंने तय कर लिया कि मैं इसे अपने खेतों में जरूर प्रयोग में लाउंगी। इसे अपनाने से मेरे खेत.बागीचों की मिट्टी का स्वास्थ्य बहुत अच्छा हुआ है।
उन्होंने कहा कि राजनीति से जुड़े होने और जन प्रतिनिधि होने के नाते मेरे घर में बहुत से लोगों का आना.जाना लगा रहता था। मैं इन सभी लोगों को इस खेती विधि के बारे में बताती हूं और अपने खेतों में लगे मॉडल को भी दिखाती हूं। मेरे खेतों को देखकर लोग इस खेती को चमत्कारी बता रहे हैं।