कुल्लू-22जनवरी. क्या आपने अपने बचपन में खेल-खेल में देवरथ बनाया है या नहीं अक्सर पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चे अपने बचपन में देवरथ बनाकर जरूर उसके साथ खेले होंगे लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ होगा कि खेलने के लिए बनाए देवरथ में दैवीय शक्ति प्रवेश कर गई जी हां अब ऐसी ही दैवीय शक्ति कुल्लू जिला के सैंज घाटी के बनाउगी गांव में सामने आई है जहां बच्चों के बनाए देवरथ में दैवीय शक्ति आ गई जिससे खेलने वाले बच्चों से लेकर गांव के बुजुर्ग व युवा हैरान रह गए। शायद आप सब को भी यकीन नहीं होगा कि कुल्लू जिला की सैंज तहसील के अंतर्गत आने वाले बनाऊगी गांव के छोटे छोटे बच्चों ने अपने मनोरंज के लिए बीते दिनों एक देव रथ बनाया था। न्याय के देव काशू नारायण की तपोभूमि बनाउगी में बने इस रथ का उद्देश्य बच्चों का मनोरंजन करने के लिए किया गया था।
एक दिन रामपुर के रिश्तेदारों से उस रथ को लाने का न्योता आया तो बच्चों के साथ उनके परिवारजन उस रथ को लेकर रामपुर चले गए। निजी समारोह में समापन के बाद जैसे ही वे लोग वापिस आने की तैयारी कर रहे थे तो एक व्यक्ति पागल की हालत से गुजर रहा था तो वे व्यक्ति इस देव रथ के पास आकर रोने लगा। कुछ समय बाद जैसे ही देव धुन बजाई गए तो इस देवरथ में दैवीय शक्तियां उत्पन हो गईं। ग्रामीण बताते हैं कि उस पागल व्यक्ति का पागल पन तुरंत ठीक हो गया। बनाउगी गांव में भी इस देवरथ की शक्ति के कई प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिल रहे हैं।
इस देव रथ के मोहरे लकड़ी के बनाए गए है। घाटी के लोगों को इस कहावत पर विश्वास हो गया है कि हमारे देवी- देवता कहते हैं कि हमारे पत्थर में प्राण और मिट्टी में अपना बल रखा है।