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प्रो. विवेकानंद तिवारी की पुस्तक अछूत मतवाद के सच गांधी और अंबेडकर का हुआ विमोचन

शिमला-27 नवंबर.प्रो. विवेकानंद तिवारी की पुस्तक अछूत मतवाद के सच गांधी और अंबेडकर पुस्तक का लोकार्पण हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुआ। पुस्तक का विमोचन प्रतिकुलपति प्रो राजेन्द्र वर्मा अध्यक्षता डीन आफ स्टडीज बी के शिवराज ने किया। इस मौके पर प्रो.विवेकानंद तिवारी ने कहा कि भारतीय राजनीतिक मंच पर अस्पृश्यता के बढ़ते हुए खतरे को उजागर करने वाले दो प्रमुख व्यक्ति गांधी और अंबेडकर थे। गांधी ने अपने सार्वजनिक जीवन के प्रारंभ से ही अस्पृश्यता का उग्र विरोध किया हरिजनों का उत्थान ही गांधी के जीवन का मुख्य उद्देश्य बन गया था।
1932 में हरिजन सेवक संघ और 1933 में साप्ताहिक हरिजन का प्रकाशन किया 17 नवंबर 1933 को गांधी ने अस्पृश्यता विरोधी हरिजन दौरा किया और 12500 मील की यात्रा की और हरिजन कल्याण के लिए आठ लाख जमा किए अंबेडकर ने दलित मुक्ति पर अपनी सारी शक्ति केंद्रित करने के उद्देश्य से 1924 में बहिष्कृत से हितकारी सभा की स्थापना की और मराठी पाक्षिक बहिष्कृत भारत का प्रारंभ किया वस्तुत दलितों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने और उनके विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में अनेक प्रयास बहुत पहले से चल रहे थे गांधी और डॉ अंबेडकर को प्रयासों के निरंतर में देखा जाना उचित है।
प्रो. तिवारी ने एक साथ 61 पुस्तक प्रकाशित कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रो. तिवारी की 150 से ज्यादा पुस्तके और 250 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं जिनका लोकार्पण आर.एस. एस. प्रमुख, राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री एवं अनेक राज्यो के राज्यपाल कर चुके है। प्रो. तिवारी को प्राप्त अनेक सम्मानों में भारत- भारती तथा शारदा शताब्दी सम्मान विशेष उल्लेखनीय है।

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