शिमला-06 अप्रैल. भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष मोनू भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में सार्वजनिक बस परिवहन का न्यूनतम किराया ₹10 तय करने का निर्णय पूरी तरह से जनविरोधी, अव्यवहारिक और असंवेदनशील है। यह फैसला राज्य के लाखों आम नागरिकों की रोजमर्रा की यात्रा को महंगा बना देगा, खासकर उन लोगों के लिए जो प्रतिदिन कम दूरी की यात्रा करते हैं जैसे महिलाएं ,मजदूर, बुजुर्ग और ग्रामीण क्षेत्र के निवासी।
अब तक जहाँ ₹5 में छोटी दूरी की यात्रा संभव थी, वहीं ₹10 की न्यूनतम सीमा तय करने से लोगों को न चाहते हुए भी दुगना किराया देना पड़ेगा। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब पहले से ही महंगाई चरम पर है और जनता आर्थिक बोझ से जूझ रही है।
सरकार का यह तर्क कि परिवहन निगम घाटे में चल रहा है, आम जनता पर बोझ डालकर पूरा नहीं किया जा सकता। सार्वजनिक परिवहन मुनाफा कमाने का साधन नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम होता है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह परिवहन सेवाओं को सुलभ, सस्ती और सुलभ बनाए रखे, ना कि आम नागरिकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाले।उन्होंने सरकार से मांग की है कि न्यूनतम किराया ₹10 करने के निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए पुराने किराया ढांचे को पुनः लागू किया जाए या ₹5 की सीमा तक ही न्यूनतम किराया रखा जाए।वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष छूट जारी रखी जाए । परिवहन विभाग में पारदर्शिता सुनिश्चित कर उसके घाटे के वास्तविक कारणों की जांच कर समाधान निकाला जाए।