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अस्पतालों में पर्ची बनाने के लिए शुल्क लगाने का तर्क हास्यास्पद : जय राम ठाकुर

शिमला-08 अप्रैल. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की स्थिति बहुत हास्यास्पद हो गई है। जनता पर महंगाई का बोझ लादने के नाम पर सरकार जिस तरह के तर्क दे रही है वह और भी हास्यास्पद है। बसों का किराया₹5 से बढ़ाकर ₹10 करने के पीछे सरकार तर्क देती है की छुट्टे की समस्या की वजह से यह फैसला लिया गया है। अब अस्पतालों में इलाज करने के लिए पर्ची के नाम पर ₹10 की फीस को जायज ठहराने के लिए सरकार कह रही है कि लोग अपनी पर्ची खो देते हैं इसलिए₹10 का शुल्क लगाया गया है जिससे वह पर्चियां न खोएं। अपनी हर नाकामी को अजीबो गरीब तर्क देकर जायज़ ठहरने किया सिलसिला कब रुकेगा? आने वाले दिनों में सरकार अब योजना बना रही है कि किसी भी मरीज को 1 साल में एक बार ही नि:शुल्क जांच की जाएगी। इसके अलावा ओपीडी के पेशेंट को भी नि:शुल्क जांच के दायरे से बाहर रखने की तैयारी सरकार कर रही है। अपने इस कृत्य को जायज़ ठहराने के लिए भी सरकार कोई भी तर्क दे सकती है। आज प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की जो हालात है वह किसी से छिपी नहीं है। सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर झूठ बोलकर ही हर दिन प्रदेश के लोगों को बरगला रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विमल नेगी जी की संदिग्ध मृत्यु के मामले में चल रही पुलिस की कार्रवाई पर चौतरफा सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। परिजनों द्वारा सरकार की जांच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सीबीआई जांच के लिए कैंडल मार्च निकालना पड़ रहा है। एक आरोपित को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने तक पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई। नेगी जी के परिजनों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट में आरोपित की जमानत के विरुद्ध सरकार की तरफ से कोई वकील प्रस्तुत ही नहीं हुआ। कल तक के समाचारों के अनुसार आरोपित आईएएस अधिकारी पुलिस द्वारा को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर जांच में सहयोग देने के लिए शामिल होने ही नहीं पहुंचे थे। पूरी जांच प्रक्रिया का इस प्रकार से मजाक बनाया जा रहा है। यह सब किसकी शह पर हो रहा है। क्या संपूर्ण जांच प्रक्रिया का इसी तरह से माखौल उड़ाने के लिए ही सरकार मामले की जांच सीबीआई को नहीं सौंप रही है। सीबीआई जांच की मांग को अनसुना करने के पीछे क्या कारण है? प्रदेश के लोगों को यह जानने का हक है और मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए।

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